About Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana

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“डर के आगे जीत है” – यह सिर्फ एक विज्ञापन नहीं, बल्कि जीवन का सत्य है।

जैसे ही हमारे दिमाग से शरीर को संकेत मिलता है की कुछ खतरा हो सकता है तो शरीर अपनी अलग प्रतिक्रियाएं देता है.

मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है, अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए, नियमित रूप से ध्यान और योग करे, तो वह ठीक हो सकता है। वह एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी जी सकता है।

यदि आप ऊंचाइयों से डरते हैं, तो कल्पना करें कि आप एक मुश्किल चढ़ाई पर पहुँच रहे हैं। अपनी इस उपलब्धि की भावना के साथ में जुड़ें।

ऐसा लगना, जैसे आप बेहोश हो जाएंगे या मर जाएंगे

उनसे अपने सम्बन्ध अच्छे बनायें रखें. ध्यान रहे भगवान् वो शक्ति है जो आपको किसी भी मुसीबत से उबार सकती है, चाहे पूरी दुनिया ही आपके खिलाफ क्यों ना खड़ी हो.

जिस वजह से उसके अन्दर से ख़ुशी गायब और तरह तरह के डर पनपने शुरू हो जाते हैं. डर और गलत काम का बहुत ही गहरा सम्बन्ध है. अगर आप कोई भी गलत काम नहीं करते, मेहनत और इमानदारी के साथ जीते हैं तो यकीन मानिए आप हमेशा निर्भीक रहेंगे.

ध्यान और माइंडफुलनेस हमें अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह डर के पीछे की असल वजहों को उजागर करता है।

ज्यादा डर लगने से होता यह हैं मन में ऐसे विचार और घटनाएं आने लगती हैं, मन ऐसी घटनाओं की कलपना करने लगता हैं जो वास्तव में घटित ही नहीं हुईं होती हैं। यहीं डर लगने का मूल और असली कारण होता हैं अर्थात् डर लगने से आप और डरते हैं।

आप सकारात्मक पक्ष को समझकर अपने डर का फायदा उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए, बहुत से लोगों को स्टेज पर जाने से डर लगता है, लेकिन मंच पर होने का डर आपको उस पल के बारे में जागरूक होने में मदद कर सकता है और आप जो करने जा रहे हैं उस पर गहन ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। अपने डर click here को स्वीकार करना सीखें और फिर ये जहां पर सबसे अधिक उपयोगी होने वाला है, उसे उसी दिशा में ले जाएँ।

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हम जानते हैं कि बच्चों को किसी चीज से डर नहीं लगता, क्योंकि उन्होंने पहले कभी उसे अनुभव नहीं किया होता है। हम जैसे-जैसे बड़े होते हैं, अनुभव लेते हैं तो उन अनुभवों के आधार पर हम डर तय करते हैं। योग और ध्यान साधना ही मन के अंदर व्याप्त डर को दूर करने का मंत्र है। 

उत्तर: नहीं। डर से भागने की बजाय उसका सामना करना ही समाधान है।

हर बार जब आप कोई छोटा कदम लेते हैं, डर थोड़ा कम हो जाता है।

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